एसिडिटी केउपाय
एसिडिटी के आयुर्वेदिक उपाय
अदरक का रस :नींबू और शहद में अदरक का रसमिलाकर पीने से, पेट की जलन शांत होती है।
अश्वगंधा :भूख की समस्या और पेट की जलन संबधित रोगों के उपचार में अश्वगंधा सहायक सिद्ध होती है।
बबूना :यह तनाव से संबधित पेट की जलन को कम करता है।
चन्दन :एसिडिटी के उपचार के लिए चन्दन द्वारा चिकित्सा युगों से चली आ रही चिकित्सा प्रणाली है। चन्दन गैस से संबधित परेशानियों को ठंडक प्रदान करता है।
चिरायता :चिरायता के प्रयोग से पेट की जलन और दस्त जैसी पेट की गड़बड़ियों को ठीक करने में सहायता मिलती है।
इलायची :सीने की जलन को ठीक करने के लिए इलायची का प्रयोग सहायक सिद्ध होता है।
हरड :यह पेट की एसिडिटी और सीने की जलन को ठीक करता है ।
लहसुन :पेट की सभी बीमारियों के उपचार के लिए लहसून रामबाण का काम करता है।
मेथी :मेथी के पत्ते पेट की जलन में सहायक सिद्ध होते हैं।
सौंफ :सौंफ भी पेट की जलन को ठीक करने में सहायक सिद्ध होती है। यह एक तरह की सौम्य रेचक होती है और शिशुओं और बच्चों की पाचन और एसिडिटी से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए भी मदद करती है।
एसिडिटी के घरेलु उपाय
एसिडिटी के कुछ उपाय इस प्रकार है
आंवला :जैसे आंवला खट्टा होता है, लेकिन एसिडिटी के घरेलू उपचार के रूप में यह बहुत शानदार है। फौरन राहत के लिए 2 चम्मच आंवला जूस या सूखा हुआ आंवला पाउडर और दो चम्मच पिसी हुई मिश्री ले लें और दोनों को पानी में मिलाकर पी जाएं।
दही :अपने रोजमर्रा के आहार में मट्ठा और दही शामिल कर लें। ताजे खीरे का रायता एसिडिटी का बेहतरीन उपचार हैं।
पानी :खूब पानी पीएं क्योंकि इससे न सिर्फ पाचन में मदद मिलती है बल्कि शरीर से टॉक्सिन भी फ्लशआउट हो जाते हैं।
हरी सब्जियां :यह सुनिश्चित कर लें कि आप खूब सारी हरी पत्तेदार सब्जियां और अंकुरित अनाज खाएं। ये विटामिन बी और ई का बेहतरीन स्रोत हैं। ये शरीर से एसिडिटी को बाहर निकाल लेते हैं।
आहार जो करे एसिडिटी पर बार
टमाटर :कैल्शियम, फास्फोरस व विटामिन-सी भरपूर टमाटर शरीर से जीवाणुओं को बाहर निकालने में मदद करता है। एसिडिटी में टमाटर खाने से लाभ मिलता है। इसका नियमित सेवन एसिडिटी से लंबे समय तक राहत दिलाता है। स्वाद में खट्टा होने के बावजूद टमाटर शरीर में क्षार की मात्रा बढ़ाता है। इसीलिए इसके सेवन से एसिडिटी नहीं बढ़ती।
संतरा :संतरे में मौजूद फ्रक्टोज, डेक्स्ट्रोज, खनिज एवं विटामिन शरीर में पहुंचते ही ऊर्जा प्रदान करने लगते हैं। संतरे का नियमित सेवन एसिडिटी से राहत पाने का उत्तम उपाय है।
पपीता :पपीता पचने में आसान है। इससे आमाशय तथा आंत संबंधी विकारों में बहुत लाभ मिलता है। पपीता कब्ज, गैस, एसिडिटी व कफ जैसे रोगों में लाभकारी होता है।
अमरूद :अमरूद कब्ज और एसिडिटी दोनों के लिए लाभकारी है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन, फाइबर व मिनरल होते हैं। फाइबरन की अधिकता के कारण यह कब्ज दूर करने में सहायक होता है।
जामुन :जामुन को दवा के तौर पर खाया जा सकता है। पेट के रोगों में जामुन का सेवन काफी लाभकारी होता है। खाली पेट जामुन खाने से गैस व एसिडिटी की समस्या से निजात मिलती है।
नोट -: एसिडिटी केउपाय
एसिडिटी के सरल घरेलु उपाय
तुलसी के पत्तो का सेवन :तुलसी के कुछ पत्ते लेकर उन्हें पानी में उबाल लें, अब उस पानी को छान लें तथा उसे गुनगुना होने दें अब इसमें शहद मिलकर पिएं. इसके अलावा कुछ तुलसी के पत्ते प्रतिदिन चबा कर खाएं. तुलसी के पत्ते आपको तुरंत एसिडिटी से राहत दे सकते हैं.
दालचीनी का सेवन :दालचीनी पाचन शक्ति के लिए बेहद अच्छा माना जाता है दालचीनी एक प्राकृतिक एंटासिड है जो और गैस को दूर रखती है. एक कप पानी में आधा चम्मच दालीचीनी पाउडर डालें और इसे उबाल लें. इस उबले हुए पानी को एक दिन में दो से तीन बार पिएं. ऐसा करने से एसिडिटी की समस्या दूर होने लगेगी.
छाछ का सेवन :छाछ यानि मट्ठा में पेट की अम्लता को संतुलित करने के लिए लैक्टिक एसिड होता है. कुछ मेथी के दाने लेकर उसमे पनि मिलाये तथा इसे पीस लें और इसका पेस्ट बना लें. अब इस पेस्ट को एक गिलास छाछ में मिलाकर पिएं. ऐसा करने से पेट का दर्द भी ठीक होगा तथा गैस से भी राहत मिलेगी और साथ ही, एसिडिटी को खत्म करने में मदद मिलेगी.
सेब का सिरका :सेब का सिरका भी एसिडिटी को ठीक करने का आसान तरीका है. इसके लिए एक कप पानी में दो चम्मच कच्चा सेब का सिरका मिलाकर दिन में दो बार पिएं. खाना खाने से पहले भी इसे पिया जा सकता है. इसका सेवन करने से जल्द ही एसिडिटी खत्म होने लगेगी.
लौंग का सेवन :लौंग हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत गुणकारी है. लौंग खाने से पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिससे पेट की अम्लता कम होती है और एसिडिटी से राहत मिलती है. प्रतिदिन खाने के बाद दो से तीन लौंग को मुंह में रखकर हल्का हल्का चबाकर चूसें. यह प्रक्रिया करने से एसिडिटी से छुटकारा मिलता है.
जीरा का सेवन :जीरा एक बहुत ही आसान उपाय है जो एसिडिटी को कम करता है, साथ ही पाचन शक्ति को बढ़ाकर पेट दर्द से भी राहत देता है. थोड़ा जीरा लेकर उसके भून लें और इसका पाउडर बना दें. इस पाउडर को खाना खाने के बाद एक गिलास पानी में मिलाकर पिएं. यह करने से एसिडिटी की समस्या को काम किया जा सकता है.
अदरक का सेवन :अदरक में अनेक पोष्टिक गुण पाए जाते है. अदरक में पेट की अम्लता से लड़ने में सक्षम होता है जो एसिडिटी से राहत देते हैं. प्रतिदिन खाने के बाद अदरक का एक छोटा टुकड़ा मुंह में रखकर चबाएं या फिर एक कप पानी में अदरक को पीसकर डालें और उबालें. इस पानी को छान ले और इस पानी को पी ले. इसके सेवन करने से एसिडिटी से राहत मिलती है.
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घरेलु उपाय
एक नींबू निचोड़ें तथा इससे रस निकाल लें। इसमें आधा चम्मच बेकिंग सोडा (baking soda) तथा एक कप पानी मिश्रित करें। इसे तब तक हिलाएं जब तक बेकिंग सोडा पानी में अच्छे से ना घुल जाए। इसे पी लें तथा गैस की समस्या से मुक्त हो जाएं। अगर आपको तुरंत राहत चाहिए तो बेकिंग सोडा का मिश्रण पानी में करें तथा सुबह इसका सेवन खाली पेट में करें। नींबू का रस निकालें तथा इसे गर्म पानी के साथ मिश्रित करके पी लें। यह आपको दर्द से तुरंत निजात दिलाता है और इसका सेवन आप सुबह सुबह कर सकते हैं
लहसुन भी गैस की समस्याओं को ठीक करने का एक बेहतरीन इलाज है। लहसुन को पीस लें तथा इसके साथ काली मिर्च के बीज, धनिया और जीरा मिश्रित करके उबाल लें। इसे कुछ मिनट तक उबाल लें और फिर इससे रस निकाल लें। अब इस मिश्रण को कमरे के तापमान तक आने दें और इसके बाद इसे पी लें। इस मिश्रण का सेवन दिन में दो बार करने से आपको काफी बेहतर परिणाम मिलेगा।
पेट के गैस से बचने के लिए अच्छे उपाय ::
पेट में गैस की समस्या के मुख्य कारण एसिडिटी, बदहज़मी, पेट में दर्द और सीने में जलन। कुछ और कारण हैं वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण, फ़ूड पोइज़निंग, किडनी में पथरी, कब्ज़, ट्यूमर, पैंक्रिअटाइटिस और अलसर आदि। ऐसे कई कारण होते हैं जिनकी वजह से लोग गैस की समस्याओं के शिकार होते हैं। इनमें से कुछ कारण हैं तीखा या चटपटा भोजन करना, तनाव, हाज़मे में तकलीफ, भोजन अच्छे से ना चबाना और काफी मात्रा में शराब का सेवन। इसके अलावा एच पाइलोरी नामक बैक्टीरिया के संक्रमण से भी गैस की समस्या होती है। एसिडिटी की दवाई, अतः आपको इस गंभीर समस्या का इलाज निकालना चाहिए। इसका शुरूआती चरण में पता चलने पर तथा उपचार शुरू होने पर आप जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे। भूख न लगना, बदबूदार सांसें, पेट में सूजन, उलटी, बदहज़मी, दस्त आदि गैस के लक्षण हैं।
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गैस का आयुर्वेदिक इलाज
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