कब्ज का इलाज

                                    पश्रिचमोत्तनासन  योग 

सबसे पहले आप जमीन पर बैठ जाएं।

अब आप दोनों पैरों को सामने फैलाएं।

पीठ की पेशियों को ढीला छोड़ दें।सांस लेते हुए अपने हाथों को ऊपर लेकर जाएं।

फिर सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुके।आप कोशिश करते हैं

 अपने हाथ से उँगलियों को पकड़ने का और नाक को घुटने से सटाने का।

धीरे धीरे सांस लें, फिर धीरे धीरे सांस छोड़ेऔर अपने हिसाब से इस अभ्यास को धारण करें।

धीरे धीरे इस की अवधि को बढ़ाते रहे।यह एक चक्र हुआ।

इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें।

मत्स्यासन योग विधि

साधक सबसे पहले पद्मासन में बैठ जाएं।

धीरे-धीरे पीछे झुकें और पूरी तरह पीठ पर लेट जाएं।

बाएं पांव को दाएं हाथ से पकड़े और दाएं पांव को बाएं हाथ से पकड़ें।कोहनियों को जमीन पर टिका रहने दें।

घुटने जमीन से सटे होनी चाहिए

अब आप सांस लेते हुए अपने सिर को पीछे की ओर लेकर जाएं।

या हाथ के सहायता से भी आप अपने सिर को पीछे गर्दन की ओर कर सकते हैं।

धीरे धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़े।इस अवस्था को अपने हिसाब से मेन्टेन करें।फिर लंबा सांस छोड़ते हुए अपने आरम्भिक अवस्था में आएं।यह एक चक्र हुआ।

इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें।

लघु शंखप्रक्षालन विधि

सबसे पहले आप कागासन में बैठें तथा कम से कम तीन गिलास गुनगुना नमकीन पानी लें।

हठरत्नावली में नमकीन पानी के बजाय गुड़ से मीठे किए गए पानी, नारियल पानी अथवा दूध वाले पानी के प्रयोग का जिक्र मिलता है 

(1/50), जिसे गर्दन तक लेना चाहिए तथा अपनी सामर्थ्य के अनुसार पानी और वायु को रोकना चाहिए।

जब आप पानी पी ले तो तुरंत बाद ही नीचे दिए गए आसनों का अभ्यास करें और सही क्रम में करें।

सर्पासनहस्तेत्तानासनकटिचक्रासनउदराकर्षणासनऊपर दिए गए आसनों को चार-चार बार दोहराएं यानि आपको चार बार दाएं एवं चार बार बाएं झुकना है।

अपने हिसाब से एक बार फिर पानी पिये और ऊपर दिए गए आसनों को फिर से दो बार दोहराएं।

जैसे ही मल त्याग ने की इच्छा हो शौचालय से फ्री हुएं।

पहले ठोस, उसके बाद अर्द्धठोस मल आएगा और अंत में पीला पानी आएगा।

इसके बाद एक गिलास पानी और लें तथा चारों आसन तेजी से दोहराएं। इस बार शौच में केवल तरल पदार्थ आएगा।

पानी लेना तथा आसन दोहराना तब तक जारी रखें, जब तक शौच में साफ पानी न आने लगे।अंत में दो या तीन गिलास सादा गुनगुना पानी बिना नमक के लें तथा कुंजल क्रिया करें ताकि शौच से जारी पानी को रोका जा सके।


अपान मुद्रा को करने की विधि

1. सबसे पहले आप जमीन पर कोई चटाई बिछाकर उस पर पद्मासन या सिद्धासन में बैठ जाएँ , ध्यान रहे की आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी हो ।

2- अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रख लें और हथेलियाँ आकाश की तरफ होनी चाहिये ।

3- अब अपने हाथ की तर्जनी अंगुली को मोड़कर अंगूठे के अग्रभाग में लगा दें तथा मध्यमा व अनामिका अंगुली के प्रथम पोर को अंगूठे के प्रथम पोर से स्पर्श कर हल्का दबाएं और कनिष्ठिका अंगुली को सीधा रखें ।

4- अपना ध्यान साँसों पर लगाकर अभ्यास करना चाहिए। अभ्यास के दौरान साँसें को सामान्य रखना है।

5- इस अवस्था में कम से कम 48 मिनट तक रहना चाहिये ।

 प्राकर्तिक चिकित्सा से  कब्ज का इलाज 

प्राकृतिक चिकित्सा यानि (Naturopathy) पद्धति के अनुसार एक तरीका है जिसे ‘पानी चिकित्सा’ के नाम से जाना जाता हैं। इस पद्धति के अनुसार अलग-अलग तरह के रंगों का सूर्य की किरणों पानी तैयार कर रोगों का इलाज किया जाता है। अस्तु इसी पद्धति द्वारा तैयार ‘हरा पानी’ या हरा सूर्य तापित’ पानी कब्ज को दूर करने में काफी सफल हुआ है। इस हरे रंग के पानी का अर्थ यह है कि किसी हरे रंग की साफ बोतल (हरे कांच की बोतल ना होने पर साधारण सफेद कांच की बोतल पर हरे रंग का पारदर्शी कागज लपेटकर काम में ले सकते हैं) का तीन चौथाई भाग साधारण पानी से भरकर बोतल का मुंह एयर टाइट ढक्कन से अच्छी तरह से बंद करने के बाद 6 से 8 घंटे तक किसी लकड़ी की चौकी पर बोतल रखें। धूप में रखा हुआ ‘सूर्यतापित’ यानि Sun Charged Water किया हुआ पानी यद्यपि यह पानी हरे (ग्रीन) रंग का नहीं होता है पर ‘हरा पानी’ इसलिए कहलाता है कि हरी बोतल के पानी में सूर्य की किरणों के प्रभाव से हरे रंग के रोग निवारक गुण आ जाते हैं। जैसे-शरीर की गंदगी (विजातीय द्रव) बाहर निकालना और पुरानी से पुरानी कब्ज दूर करना, गुर्दे, आतों और त्वचा की कार्यप्रणाली सुधारना और इस प्रकार रक्त से दूषित पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता रस रक्तादि सप्तधातुओं का नेचुरल रूप से निर्माण करना तथा शरीर का ताप संतुलित रखना इत्यादि। ‘हरा पानी’ हर रोज तैयार करना चाहिए और अपने आप ही ठंडा हो जाने पर काम में लाना चाहिए।


इस हरे पानी के लेने से ‘साधारण प्रकार की कब्ज तो सिर्फ 3-4 दिन में ही ठीक हो जाती है। कब्ज दूर करने के लिए हरा पानी सुबह के समय उठते ही कुल्ला करने के बाद खाली पेट आधा से एक कप, दिन में और रात में खाना खाने से आधा घंटा पहले पी लें। इस प्रकर दिन में 3 बार कुछ दिनों तक इस पानी का सेवना करें उपर्युक्त विधि के अनुसार नारंगी यानि ऑरेंज कलर की बोतल में पानी बनाकर दिन में 2 बार -खाना खाने के बाद (15 मिनट के बाद) लेने करने से खाना अच्छी तरह आसानी से पच जाता है। हरे रंग के पानी से आखों को धोने से तथा इस पानी को आखों में डालने से अनेक प्रकार के आखों के रोग दर्द, लाल-लाल लाइने होने की बीमारी में भी लाभ होता है।

    

 प्राकर्तिक उपचार भाग 1 

► अमरुद का उपयोग 

ऐसा देखा गया हैं की अमरूद का सेवन करने से हमारे पेट की आंतों में तरावट आती हैं और कब्ज से छुटकारा मिलता हैं

1. इसे रोटी खाने भोजन से पहले ही खाना चाहिए, क्योंकि रोटी खाने के बाद अमरुद खाने से क़ब्ज़ होती हैं इसलिए कब्ज वाले रोगियों को नाश्ते में अमरुद लेना चाहिए


2. पुरानी कब्ज के रोगियों को सुबह-शाम दोनों समय अमरुद खाना चाहिए ऐसा करने से दस्त साफ़ आएंगे, अजीर्ण और गैस दूर होगी तथा खुलकर भूख लगेगी


3. अमरुद को सेंधा नमक एक साथ खाने से पाचनशक्ति भी बढ़ती हैं       

► निम्बू पानी का इस्तेमाल करें 

निम्बू पानी पाचन तंत्र को प्रोत्साहित करके कब्ज को दूर करता है। यह कब्ज का सबसे सरल और कारगर उपाय है जिसे आप घर पर ही कर सकते हैं।

1. निम्बू को आधा काटकर उसका रस एक गिलास पानी में निचोड़ लें। आप इसमें स्वादानुसार सेंधा नमक और शहद भी डाल सकते हैं।


2. निम्बू पानी को आप रोज सुबह खली पेट एक गिलास पियें। आप एक गिलास निम्बू पानी शाम को भी पी सकते हैं।


3. इस उपचार को एक-हफ्ते तक लगातार अपनाएं और परिणाम देखें। 

     ►  पांच-द्रव्य 

कब्ज के लिए पांच द्रव्यों की आयुर्वेदिक औषधि 

1. सोंठ, कालीमिर्च, पीपल, छिलका हरड़, आंवला, बहेड़ा और पांच तरह के नमक अलग-अलग, जुलाल हरड़-25-25 ग्राम , सनाय की पत्ती 300 ग्राम सभी को कूट पीसकर सोने के समय रात में तीन से छह ग्राम तक की मात्रा में सेवन करने से कब्ज, अफरा और भूख की कमी दूर हो जाती हैं


2. नई पुरानी कब्ज से छुटकारा मिलता हैं असरकारी घरेलु इलाज हैं क़ब्ज़ का 

      ►  सौंफ का प्रयोग 

सौंफ का प्रयोग कब्ज, अपच, सूजन और इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम के उपचार में किया जाता है क्योंकि यह पाचन तंत्र की मांसपेसियों के मूवमेंट को बढ़ाती है।

1. 1 कप सौंफ के बीजों को सुखाकर भून लें।

2. इसके बाद इसे बारीक पीसकर एक जार में भरकर रख लें।

3. रोज इस पाउडर को आधा-चम्मच लेकर पानी के साथ सेवन करें। 

       ►  छुहारे का उपयोग 

1. रोजाना सुबह शाम 3 छुहारे खाकर गर्म पानी पिए, यदि छुहारे सख्त होने के कारण खाने संभव न हो, तो दूध में उबालकर भी ले सकते हैं छुहारे नित्य खाते रहने से बवासीर, स्नायविक दुर्बलता दूर होकर रक्त का संचरण ठीक होता हैं इसके प्रयोग से कब्ज में रामबाण लाभ होता हैं

2. छुहारे के और भी कई अनेक लाभ होते हैं, जो की इस प्रयोग को करने से मिल जायेंगे सुबह के समय छुहारे पानी में भिगो दें तथा रात्रि के समय इन्हें चबा-चबाकर खाए भोजन कम मात्रा में करे अथवा रात्रि के समय 2 नग छुहारे दूध में उबालकर लें इन प्रयोग से भी क़ब्ज़ दूर होती हैं 

        ► अंजीर का इस्तेमाल करें 

अंजीर में अत्यधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है और यह प्राकृतिक औषधि की तरह काम करते हैं। वो लोग जिन्हें काफी लम्बे समय से कब्ज है इसे अपनी डाइट में जरुर शामिल करें। ताजा और सूखे अंजीर दोनों ही कब्ज के इलाज के लिए काफी फायदेमंद हैं। जब भी ताजा अंजीर बाजार में उपलब्ध हों तो उन्हें छिलके के साथ सेवन करें क्योंकि उन्हें छिलकों में ही ज्यादातर फाइबर और कैल्शियम होता है।

1. दो या तीन बादाम और सूखे अंजीर लें।

2. इन्हें कुछ घंटों के लिए पानी में भिगोकर रख दें।

3. बादाम के छिलकों को निकाल दें और फिर इन्हें पीसकर पेस्ट तैयार करें।

4. रात को सोने से पहले इस पेस्ट को एक चम्मच शहद के साथ सेवन करें। 

       ► पुरानी कब्ज के लिए देसी इलाज 

1. पुरानी कब्ज, अरुचि, अग्निमांध व गैस होने पर भोजन के साथ मूली पर नमक, काली मिर्च डालकर 2 महीने तक रोजाना खाने से कई अनेकों लाभ होते हैं  (पेट के सभी रोगों में मूली की चटनी, अचार व सब्जी खाना उपयोगी हैं)  इसीलिए प्राचीन समय से भोजन के साथ मूली का सलाद के रूप में उपयोग किया जाता आ रहा हैं

2. आज भी इसका उपयोग किया जाता हैं इसके रोजाना के सेवन से कब्ज नहीं होता हैं क्योंकि इसमें भी एक कब्ज के आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे के जितने गुण होते हैं 

        ► अरंडी का तेल का इस्तेमाल करें 

1. अरंडी का तेल उत्तेजक औषधि की तरह काम करता है। यह स्माल  और लार्ज इंटेस्टिने को स्टिमुलते करता है और बोवेल मूवमेंट को इम्प्रूव करता है।

2. अरंडी के तेल को सीधे एक या दो चम्मच लेकर खली पेट निगल लें। स्वाद बनाने के लिए इसे आप किसी फ्रूट जूस के साथ ले सकते हैं।

3 . कुछ घंटो के अन्दर ही आपको अपनी कंडीशन में बढ़ा इम्प्रूवमेंट देखने को मिलेगा। आप इस उपाय को अधिक समय तक नियमित न अपनाएं क्योंकि इसके कई साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। 

        ► गेहूं के जरिये कब्ज से निजात पाए 

1. गेहूं का यह कब्ज से निजात पाने का उपाय जो की किसी भी आयुर्वेदिक रामबाण इलाज से कम नहीं हैं इन हिंदी में, इसका सेवन जरूर करे गेहूं के आटे को मैदे की छलनी से छान लें और जो चोकर  (चपड़ या भूसी)  निकले, उसे तवे पर भून लें उसे इतना भुने की वह लाल हो जाए, लेकिन ध्यान रहे की यह कच्ची न रहे और जले भी नहीं 

2. फिर इस भुनी हुई चोकर को दूध, शक्कर, पानी में डालकर खूब उबाले इसके बाद छानकर पिए

3. इसका स्वाद कॉफ़ी के सामान होगा इसके सेवन से आपको तुरंत नई स्फूर्ति मिलेगी क्योंकि इसमें प्रोटीन बहुत ज्यादा मात्रा में होता हैं

4. इस प्रयोग से कब्ज, गैस, रोग, ब्लड प्रेशर व हार्ट अटैक में लाभ मिलता हैं यह शारीरिक कमजोरी को दूर करने का एक रामबाण टॉनिक हैं इसके कुछ दिनों के प्रयोग से ही आपको कब्ज में ढेरों लाभ मिलने लगेगा 

        ► शहद कब्ज में आराम पाने के लिए 

शहद कब्ज में आराम पाने के लिए काफी इफेक्टिव रोल अदा करता है क्योंकि यह माइल्ड लैक्सटिव की तरह काम करता है। कॉन्स्टिपेशन से राहत पाने के लिए आप इसे रोज ले सकते हैं।

1. रोज दिन में तीन बार दो-दो चम्मच शहद का सेवन करें।

2. आप एक चम्मच शहद को निम्बू पानी के गिलास में डालकर भी सेवन कर सकते हैं। इसे रोज सुबह खली पेट सेवन करें। 

        

 प्राकर्तिक भाग 2 

1. जिन्हें कब्ज की शिकायत रहती हो, उन्हें भोजन के साथ घूंट-घूंट पानी पीते रहना चाहिए, और साथ ही रोजाना सुबह उठने के तुरंत बाद ही 2 ग्लास पानी पीना चाहिए ऐसा करने से शरीर में पानी की कमी नहीं रहती जिससे कब्ज में लाभ होता हैं

2. शरीर में तरलता बढ़ती हैं इसके साथ ही सुबह पानी पिने के और भी कई ढेरों लाभ होते हैं

► चमत्कारी चुरन रामबाण इलाज

1. 100 ग्राम छोटी काली हरड़ लेकर देसी घी में भून लें जब हरड़ फूल जाए और धुंआ-सा निकलने लगे, तब उसे घी से अलग कर लें उसके बाद 100 ग्राम बड़ी सोंफ लेकर उसमें से 50 ग्राम सोंफ को लेकर घी में अलग से भून लें और बाकी 50 ग्राम सोंफ कच्चा ही रखें तथा भुनी हुई सोंफ में मिला लें 2. इसके बाद पहले भुनी हरड़ को कूटकर दरदरा चूर्ण बना लें और फिर सोंफ को उसके बाद इस दरदरे चूर्ण में 200 ग्राम देसी घी (पाचन शक्ति के अनुसार) तथा 400 ग्राम मिश्री या बुरा मिलाकर किसी साफ़ स्वच्छ कांच के बर्तन में सुरक्षित रख लें 3. इसको 2 चम्मच यानी दस ग्राम की मात्रा में रोजाना दिन में दो बार सुबह और शाम को दूध के साथ लें तथा सेवन के दो घंटे पूर्व बाद में कुछ भी न खाये इसके नियमित प्रयोग से कुछ ही दिनों में कब्ज दूर हो जाती हैं ज्यातादर सिर्फ 15 दिनों के सेवन से ही उदार शुद्धि हो जाती हैं उदर कृमि भी नष्ट हो जाते हैं 4. यह चूर्ण गैस व कब्ज नाशक होने के साथ-साथ बलवर्धक, वीर्यवर्धक, रसायन, हृदयबल, प्रदायक और आंखो की ज्योति बढ़ाने वाला होता हैं इसका प्रयोग सभी मौसम में बिना किसी डर के किया जा सकता हैं यह कब्ज का इलाज परम गुणकारी व रामबाण हैं इन हिंदी में कब्ज दूर करने में इसका उपयोग जरूर करे

► कब्ज दूर करने के लिए चूर्ण

1. सनाय की पत्ती 20 ग्राम, सोंठ 5 ग्राम , सोंफ 20 ग्राम, गुलाब के फूल की पत्तियां 10 ग्राम, जीता 10 ग्राम, सेंधा नमक 5 ग्राम और मिश्री 30 ग्राम (कूल 100 ग्राम) सभी द्रव्यों को अलग-अलग बारीक कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर व मिलाकर सुरक्षित रख लें 2. यह चूर्ण तीन ग्राम की मात्रा में रात को सोते समय पानी के साथ सेवन करे एक सप्ताह तक इसका नियमित सेवन किया जा सकता हैं, लेकिन एक दिन के अंतराल से इसका सेवन कब्ज रोग में कुछ दिन करना लाभप्रद हैं अर्थात एक सप्ताह तक पूरी तरह इसका प्रयोग करे, कब्ज में पूरी तरह से आराम मिल जाएगा

► कब्ज से निजात पाने के लिए दूध और शहद

1. रोजाना सुबह के समय 1 प्याला ठन्डे या कुछ गर्म पानी में और रात के समय दूध में 1 चम्मच शहद मिलाकर पिने से कब्ज दूर होती हैं या एक गिलास थोड़े से गर्म पानी में एक चम्मच नीबू का रस और एक चम्मच अदरक का रस आठ दो चम्मच शहद मिलाकर पिने से अजीर्ण और कब्ज दूर होती हैं 2. यह अब तक का सबसे सरल उपाय में से एक हैं जिनसे कब्ज के रोग का इलाज किया जा सकता हैं, इसमें उपयोग की जाने वाली चीजें भी घर पर बड़ी आसानी से उपलब्ध होती हैं इसलिए यह सबसे सरल रामबाण घरेलु इलाज हैं त्रिफला चूर्ण दो चम्मच हल्के गरम पानी में घोल कर नित्य रात्रि में सोते समय लेने से कब्ज की तकलीफ में तुरंत राहत मिलती है।

► गरम दूध या पानी के साथ

थोड़े गरम दूध या पानी के साथ हरड़, बहेड़ा, और आंवला का समान मात्रा में तैयार किया हुआ चूर्ण रात्री में सोने के पहले रोज लेने से कब्ज की बीमारी दूर होती है।

► टमाटर का सूप

टमाटर का सूप भी पिया जा सकता है। टमाटर जिद्दी आंतों में जमे पुराने मल को साफ करने का सटीक उपाय है।

► बैंगन

बैंगन की सब्जी बैंगन की सब्जी, चोलाई की सब्जी, पालक की सब्जी, आम, चने, दूध और शहद का मिश्रण मल त्याग वृति को सरल बनाता है। आम

► आम का रस

आम का रस निकाल कर पीना उत्तम होता है और उसके ऊपर हल्का गरम दूध भी पीना चाहिए।

► तांबे के बर्तन में एक चुटकी नमक

तांबे के बर्तन में एक चुटकी नमक डाल कर पानी रात भर ढक कर रख कर सुबह में उस पानी को पीने से कब्ज में राहत हो जाती है।

► गिलोय है फायदेमंद कब्ज में

गिलोय का गुड मिश्रित चूर्ण कब्ज़ में राहत देता है।

► लहसुन

सब्जी पकाते समय उसमे लहसुन का प्रयोग करने से कब्ज की सम्भावना कम हो जाती है। लहसुन पाचन शक्ति वर्धक और गैस का शत्रु है। इसलिए लहसुन का सेवन नित्य करना चाहिए।

► गाजर

गाजर का रस गाजर का रस निकाल कर पीना कब्ज में लाभदायक है।

► काकजंघा

काकजंघा और घी काकजंघा और घी का मिश्रण नित्य पीने से उदर रोगों का नाश होता है।

► लाल खरबूजा और तरबूज

पका हुआ लाल खरबूजा और तरबूज पेट को साफ करने में मदद करता है।

► बथुआ की सब्जी

बथुआ की सब्जी शक्ति वर्धक और कब्ज नासक बताई गयी है।

► मसूर की दाल

मसूर की दाल कब्ज़ में राहत देती है।

► मूंग और चावल की ढीली

मूंग और चावल की ढीली गरम खिचड़ी खाने से भी पेट साफ आता है।

► पीपल के पत्तों क काढ़ा

पीपल के पत्तों का काढ़ा पीने से भी कब्ज मिटता है। पीपल के लाल चटक फल खाने से भी कब्ज में राहत मिलती है।

► दहीं का सेवन

कब्ज़ में दहीं का सेवन भी फायदेमंद रहता है।

► गाय का दूध गाय का दूध पीने से भी कब्ज मिटता है।

► दूध में काली मिर्च

दूध में काली मिर्च के तीन से पाँच दाने मिला कर साबुत निगल जाने से भी कब्ज दूर होता है।

► दूध में गुलकंद

दूध में गुलकंद मिला कर, या दूध में मुनक्का मिला कर पीने से भी कब्ज खत्म हो जाता है।

► शलगम

कच्चे शलगम का उपयोग करें कच्चे शलगम खाने से भी पेट साफ आता है।

► धनिया

धनिया कब्ज तोड़ने में धनिया कब्ज तोड़ने में मदद करता है धनिये की चटनी भी लाभदायी होती है।

► अदरख

अदरख, लौंग और सौंठ अदरख, लौंग और सौंठ कब्ज़ मिटाने के राम बाण इलाज है। अदरख का रस शहद में मिला कर पीना लाभ दायी होता है।

► सौंठ

सौंठ अजवायन और काला नमक सौंठ अजवायन और काला नमक समान मात्रा में मिश्रित कर के मिश्रण तयार कर लें और एक चम्मच सुबह और एक चम्मच सोने के पूर्व पानी के साथ लेना कब्ज मिटाता है।

► लौंग

लौंग अजवायन, काली मिर्च लौंग अजवायन, काली मिर्च, लाहौरी नमक और मिश्री को समान मात्रा में निकाल कर पीस लें और उसमे नींबू निचोड़ कर सुखाने सुखाने के लिए रख दें। इस मिश्रण को गरम पानी के साथ लेने से पेट की तकलीफ़ों में राहत हो जाती है।

► नींबू अदरख और शहद नींबू अदरख और शहद का मिश्रित रस आंतों को साफ कर देता है। और कब्ज की शिकायत दूर करता है।

► दाल-चीनी

सौंठ, दाल चीनी का तेल सौंठ, दाल चीनी का तेल, इलाईची और और जीरा समान मात्रा में मिला कर पीना कब्ज में लाभदायी होता है।

► शक्कर

दालचीनी क तेल और शक्कर दालचीनी का तेल और शक्कर मिला कर पीने से भी कब्ज दूर होता है। यह चूर्ण अजीर्ण की तकलीफ में राहत देता है।

► सुबह जल्दी उठे

सुबह जल्दी उठे और ठंडा पानी पीके शौच जाए रात को ताम्बे के बर्तन में रखा पानी पीना जादा बेहतर होगा, इससे कब्ज दूर होता है|

► रोटी

चोकरयुक्त आटे की बनी रोटी चोकरयुक्त आटे की बनी रोटी खाए, मैदे से बने पदार्थो का सेवन कम करे|

► सूखा भोजन ना लें

अपने भोजन में तेल और घी की मात्रा का उचित स्तर बनाये रखें चिकनाई वाले पदार्थ से दस्त साफ़ आती है।

► पका हुआ बिल्व फ़ल

पका हुआ बिल्व फ़ल कब्ज के लिये श्रेष्ठ औषधि है। इसे पानी में उबालें। फ़िर मसलकर रस निकालकर नित्य 7 दिन तक पियें। कज मिटेगी।

► सूखे हुए जामुन या जूस को आहार में शामिल करें

1. जामुन में फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और उनमें सॉर्बिटोल (sorbitol) भी होता है, जो कब्जियत को कम करने में काफी लाभदायक होता है। सॉर्बिटोल एक प्रकार का कोलोनिक उत्तेजक (colonic stimulant) पदार्थ है जो मल के पारगमन को कम करता है जिससे कब्जियत से राहत मिलता है। अगर आपको जामुन का स्वाद पसंद नहीं है, तो आप इसका जूस पियें। 2. जामुन कब्जियत को कम करने में जामुन के जूस से ज्यादा लाभदायक साबित होती है। हर 100 ग्राम जामुन में करीब 14.7 ग्राम सॉर्बिटोल होता है, जबकि जामुन के जूस में प्रति 100 ग्राम सिर्फ 6.1 ग्राम ही सॉर्बिटोल होता है। आपको जामुन के जितना लाभ पाने के लिए ज्यादा मात्रा में जूस का सेवन करना पड़ेगा।

► शराब से बचें

कैफीन की तरह शराब भी आपके शरीर से पानी की मात्रा कम कर सकता है। कम या ना के बराबर शराब का सेवन आपको कब्जियत से राहत पहुंचा सकता है।

► मल त्याग के लिए एक समय निर्धारित कर लें

ऐसा करने से आपके शरीर को नियमित क्रिया की आदत हो जाएगी, जो मल त्याग में मददगार साबित होगी। अपने हिसाब से समय निर्धारित कर लें सुबह, दोपहर में खाने के बाद या दिन में कई बार जो भी आपको सुविधाजनक लगे। ));


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