कब्ज का इलाज
पश्रिचमोत्तनासन योग
सबसे पहले आप जमीन पर बैठ जाएं।
अब आप दोनों पैरों को सामने फैलाएं।
पीठ की पेशियों को ढीला छोड़ दें।सांस लेते हुए अपने हाथों को ऊपर लेकर जाएं।
फिर सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुके।आप कोशिश करते हैं
अपने हाथ से उँगलियों को पकड़ने का और नाक को घुटने से सटाने का।
धीरे धीरे सांस लें, फिर धीरे धीरे सांस छोड़ेऔर अपने हिसाब से इस अभ्यास को धारण करें।
धीरे धीरे इस की अवधि को बढ़ाते रहे।यह एक चक्र हुआ।
इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें।
मत्स्यासन योग विधि
साधक सबसे पहले पद्मासन में बैठ जाएं।
धीरे-धीरे पीछे झुकें और पूरी तरह पीठ पर लेट जाएं।
बाएं पांव को दाएं हाथ से पकड़े और दाएं पांव को बाएं हाथ से पकड़ें।कोहनियों को जमीन पर टिका रहने दें।
घुटने जमीन से सटे होनी चाहिए
अब आप सांस लेते हुए अपने सिर को पीछे की ओर लेकर जाएं।
या हाथ के सहायता से भी आप अपने सिर को पीछे गर्दन की ओर कर सकते हैं।
धीरे धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़े।इस अवस्था को अपने हिसाब से मेन्टेन करें।फिर लंबा सांस छोड़ते हुए अपने आरम्भिक अवस्था में आएं।यह एक चक्र हुआ।
इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें।
लघु शंखप्रक्षालन विधि
सबसे पहले आप कागासन में बैठें तथा कम से कम तीन गिलास गुनगुना नमकीन पानी लें।
हठरत्नावली में नमकीन पानी के बजाय गुड़ से मीठे किए गए पानी, नारियल पानी अथवा दूध वाले पानी के प्रयोग का जिक्र मिलता है
(1/50), जिसे गर्दन तक लेना चाहिए तथा अपनी सामर्थ्य के अनुसार पानी और वायु को रोकना चाहिए।
जब आप पानी पी ले तो तुरंत बाद ही नीचे दिए गए आसनों का अभ्यास करें और सही क्रम में करें।
सर्पासनहस्तेत्तानासनकटिचक्रासनउदराकर्षणासनऊपर दिए गए आसनों को चार-चार बार दोहराएं यानि आपको चार बार दाएं एवं चार बार बाएं झुकना है।
अपने हिसाब से एक बार फिर पानी पिये और ऊपर दिए गए आसनों को फिर से दो बार दोहराएं।
जैसे ही मल त्याग ने की इच्छा हो शौचालय से फ्री हुएं।
पहले ठोस, उसके बाद अर्द्धठोस मल आएगा और अंत में पीला पानी आएगा।
इसके बाद एक गिलास पानी और लें तथा चारों आसन तेजी से दोहराएं। इस बार शौच में केवल तरल पदार्थ आएगा।
पानी लेना तथा आसन दोहराना तब तक जारी रखें, जब तक शौच में साफ पानी न आने लगे।अंत में दो या तीन गिलास सादा गुनगुना पानी बिना नमक के लें तथा कुंजल क्रिया करें ताकि शौच से जारी पानी को रोका जा सके।
अपान मुद्रा को करने की विधि
1. सबसे पहले आप जमीन पर कोई चटाई बिछाकर उस पर पद्मासन या सिद्धासन में बैठ जाएँ , ध्यान रहे की आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी हो ।
2- अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रख लें और हथेलियाँ आकाश की तरफ होनी चाहिये ।
3- अब अपने हाथ की तर्जनी अंगुली को मोड़कर अंगूठे के अग्रभाग में लगा दें तथा मध्यमा व अनामिका अंगुली के प्रथम पोर को अंगूठे के प्रथम पोर से स्पर्श कर हल्का दबाएं और कनिष्ठिका अंगुली को सीधा रखें ।
4- अपना ध्यान साँसों पर लगाकर अभ्यास करना चाहिए। अभ्यास के दौरान साँसें को सामान्य रखना है।
5- इस अवस्था में कम से कम 48 मिनट तक रहना चाहिये ।
प्राकर्तिक चिकित्सा से कब्ज का इलाज
प्राकृतिक चिकित्सा यानि (Naturopathy) पद्धति के अनुसार एक तरीका है जिसे ‘पानी चिकित्सा’ के नाम से जाना जाता हैं। इस पद्धति के अनुसार अलग-अलग तरह के रंगों का सूर्य की किरणों पानी तैयार कर रोगों का इलाज किया जाता है। अस्तु इसी पद्धति द्वारा तैयार ‘हरा पानी’ या हरा सूर्य तापित’ पानी कब्ज को दूर करने में काफी सफल हुआ है। इस हरे रंग के पानी का अर्थ यह है कि किसी हरे रंग की साफ बोतल (हरे कांच की बोतल ना होने पर साधारण सफेद कांच की बोतल पर हरे रंग का पारदर्शी कागज लपेटकर काम में ले सकते हैं) का तीन चौथाई भाग साधारण पानी से भरकर बोतल का मुंह एयर टाइट ढक्कन से अच्छी तरह से बंद करने के बाद 6 से 8 घंटे तक किसी लकड़ी की चौकी पर बोतल रखें। धूप में रखा हुआ ‘सूर्यतापित’ यानि Sun Charged Water किया हुआ पानी यद्यपि यह पानी हरे (ग्रीन) रंग का नहीं होता है पर ‘हरा पानी’ इसलिए कहलाता है कि हरी बोतल के पानी में सूर्य की किरणों के प्रभाव से हरे रंग के रोग निवारक गुण आ जाते हैं। जैसे-शरीर की गंदगी (विजातीय द्रव) बाहर निकालना और पुरानी से पुरानी कब्ज दूर करना, गुर्दे, आतों और त्वचा की कार्यप्रणाली सुधारना और इस प्रकार रक्त से दूषित पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता रस रक्तादि सप्तधातुओं का नेचुरल रूप से निर्माण करना तथा शरीर का ताप संतुलित रखना इत्यादि। ‘हरा पानी’ हर रोज तैयार करना चाहिए और अपने आप ही ठंडा हो जाने पर काम में लाना चाहिए।
इस हरे पानी के लेने से ‘साधारण प्रकार की कब्ज तो सिर्फ 3-4 दिन में ही ठीक हो जाती है। कब्ज दूर करने के लिए हरा पानी सुबह के समय उठते ही कुल्ला करने के बाद खाली पेट आधा से एक कप, दिन में और रात में खाना खाने से आधा घंटा पहले पी लें। इस प्रकर दिन में 3 बार कुछ दिनों तक इस पानी का सेवना करें उपर्युक्त विधि के अनुसार नारंगी यानि ऑरेंज कलर की बोतल में पानी बनाकर दिन में 2 बार -खाना खाने के बाद (15 मिनट के बाद) लेने करने से खाना अच्छी तरह आसानी से पच जाता है। हरे रंग के पानी से आखों को धोने से तथा इस पानी को आखों में डालने से अनेक प्रकार के आखों के रोग दर्द, लाल-लाल लाइने होने की बीमारी में भी लाभ होता है।
प्राकर्तिक उपचार भाग 1
► अमरुद का उपयोग
ऐसा देखा गया हैं की अमरूद का सेवन करने से हमारे पेट की आंतों में तरावट आती हैं और कब्ज से छुटकारा मिलता हैं
1. इसे रोटी खाने भोजन से पहले ही खाना चाहिए, क्योंकि रोटी खाने के बाद अमरुद खाने से क़ब्ज़ होती हैं इसलिए कब्ज वाले रोगियों को नाश्ते में अमरुद लेना चाहिए
2. पुरानी कब्ज के रोगियों को सुबह-शाम दोनों समय अमरुद खाना चाहिए ऐसा करने से दस्त साफ़ आएंगे, अजीर्ण और गैस दूर होगी तथा खुलकर भूख लगेगी
3. अमरुद को सेंधा नमक एक साथ खाने से पाचनशक्ति भी बढ़ती हैं
► निम्बू पानी का इस्तेमाल करें
निम्बू पानी पाचन तंत्र को प्रोत्साहित करके कब्ज को दूर करता है। यह कब्ज का सबसे सरल और कारगर उपाय है जिसे आप घर पर ही कर सकते हैं।
1. निम्बू को आधा काटकर उसका रस एक गिलास पानी में निचोड़ लें। आप इसमें स्वादानुसार सेंधा नमक और शहद भी डाल सकते हैं।
2. निम्बू पानी को आप रोज सुबह खली पेट एक गिलास पियें। आप एक गिलास निम्बू पानी शाम को भी पी सकते हैं।
3. इस उपचार को एक-हफ्ते तक लगातार अपनाएं और परिणाम देखें।
► पांच-द्रव्य
कब्ज के लिए पांच द्रव्यों की आयुर्वेदिक औषधि
1. सोंठ, कालीमिर्च, पीपल, छिलका हरड़, आंवला, बहेड़ा और पांच तरह के नमक अलग-अलग, जुलाल हरड़-25-25 ग्राम , सनाय की पत्ती 300 ग्राम सभी को कूट पीसकर सोने के समय रात में तीन से छह ग्राम तक की मात्रा में सेवन करने से कब्ज, अफरा और भूख की कमी दूर हो जाती हैं
2. नई पुरानी कब्ज से छुटकारा मिलता हैं असरकारी घरेलु इलाज हैं क़ब्ज़ का
► सौंफ का प्रयोग
सौंफ का प्रयोग कब्ज, अपच, सूजन और इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम के उपचार में किया जाता है क्योंकि यह पाचन तंत्र की मांसपेसियों के मूवमेंट को बढ़ाती है।
1. 1 कप सौंफ के बीजों को सुखाकर भून लें।
2. इसके बाद इसे बारीक पीसकर एक जार में भरकर रख लें।
3. रोज इस पाउडर को आधा-चम्मच लेकर पानी के साथ सेवन करें।
► छुहारे का उपयोग
1. रोजाना सुबह शाम 3 छुहारे खाकर गर्म पानी पिए, यदि छुहारे सख्त होने के कारण खाने संभव न हो, तो दूध में उबालकर भी ले सकते हैं छुहारे नित्य खाते रहने से बवासीर, स्नायविक दुर्बलता दूर होकर रक्त का संचरण ठीक होता हैं इसके प्रयोग से कब्ज में रामबाण लाभ होता हैं
2. छुहारे के और भी कई अनेक लाभ होते हैं, जो की इस प्रयोग को करने से मिल जायेंगे सुबह के समय छुहारे पानी में भिगो दें तथा रात्रि के समय इन्हें चबा-चबाकर खाए भोजन कम मात्रा में करे अथवा रात्रि के समय 2 नग छुहारे दूध में उबालकर लें इन प्रयोग से भी क़ब्ज़ दूर होती हैं
► अंजीर का इस्तेमाल करें
अंजीर में अत्यधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है और यह प्राकृतिक औषधि की तरह काम करते हैं। वो लोग जिन्हें काफी लम्बे समय से कब्ज है इसे अपनी डाइट में जरुर शामिल करें। ताजा और सूखे अंजीर दोनों ही कब्ज के इलाज के लिए काफी फायदेमंद हैं। जब भी ताजा अंजीर बाजार में उपलब्ध हों तो उन्हें छिलके के साथ सेवन करें क्योंकि उन्हें छिलकों में ही ज्यादातर फाइबर और कैल्शियम होता है।
1. दो या तीन बादाम और सूखे अंजीर लें।
2. इन्हें कुछ घंटों के लिए पानी में भिगोकर रख दें।
3. बादाम के छिलकों को निकाल दें और फिर इन्हें पीसकर पेस्ट तैयार करें।
4. रात को सोने से पहले इस पेस्ट को एक चम्मच शहद के साथ सेवन करें।
► पुरानी कब्ज के लिए देसी इलाज
1. पुरानी कब्ज, अरुचि, अग्निमांध व गैस होने पर भोजन के साथ मूली पर नमक, काली मिर्च डालकर 2 महीने तक रोजाना खाने से कई अनेकों लाभ होते हैं (पेट के सभी रोगों में मूली की चटनी, अचार व सब्जी खाना उपयोगी हैं) इसीलिए प्राचीन समय से भोजन के साथ मूली का सलाद के रूप में उपयोग किया जाता आ रहा हैं
2. आज भी इसका उपयोग किया जाता हैं इसके रोजाना के सेवन से कब्ज नहीं होता हैं क्योंकि इसमें भी एक कब्ज के आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे के जितने गुण होते हैं
► अरंडी का तेल का इस्तेमाल करें
1. अरंडी का तेल उत्तेजक औषधि की तरह काम करता है। यह स्माल और लार्ज इंटेस्टिने को स्टिमुलते करता है और बोवेल मूवमेंट को इम्प्रूव करता है।
2. अरंडी के तेल को सीधे एक या दो चम्मच लेकर खली पेट निगल लें। स्वाद बनाने के लिए इसे आप किसी फ्रूट जूस के साथ ले सकते हैं।
3 . कुछ घंटो के अन्दर ही आपको अपनी कंडीशन में बढ़ा इम्प्रूवमेंट देखने को मिलेगा। आप इस उपाय को अधिक समय तक नियमित न अपनाएं क्योंकि इसके कई साइड इफेक्ट्स भी होते हैं।
► गेहूं के जरिये कब्ज से निजात पाए
1. गेहूं का यह कब्ज से निजात पाने का उपाय जो की किसी भी आयुर्वेदिक रामबाण इलाज से कम नहीं हैं इन हिंदी में, इसका सेवन जरूर करे गेहूं के आटे को मैदे की छलनी से छान लें और जो चोकर (चपड़ या भूसी) निकले, उसे तवे पर भून लें उसे इतना भुने की वह लाल हो जाए, लेकिन ध्यान रहे की यह कच्ची न रहे और जले भी नहीं
2. फिर इस भुनी हुई चोकर को दूध, शक्कर, पानी में डालकर खूब उबाले इसके बाद छानकर पिए
3. इसका स्वाद कॉफ़ी के सामान होगा इसके सेवन से आपको तुरंत नई स्फूर्ति मिलेगी क्योंकि इसमें प्रोटीन बहुत ज्यादा मात्रा में होता हैं
4. इस प्रयोग से कब्ज, गैस, रोग, ब्लड प्रेशर व हार्ट अटैक में लाभ मिलता हैं यह शारीरिक कमजोरी को दूर करने का एक रामबाण टॉनिक हैं इसके कुछ दिनों के प्रयोग से ही आपको कब्ज में ढेरों लाभ मिलने लगेगा
► शहद कब्ज में आराम पाने के लिए
शहद कब्ज में आराम पाने के लिए काफी इफेक्टिव रोल अदा करता है क्योंकि यह माइल्ड लैक्सटिव की तरह काम करता है। कॉन्स्टिपेशन से राहत पाने के लिए आप इसे रोज ले सकते हैं।
1. रोज दिन में तीन बार दो-दो चम्मच शहद का सेवन करें।
2. आप एक चम्मच शहद को निम्बू पानी के गिलास में डालकर भी सेवन कर सकते हैं। इसे रोज सुबह खली पेट सेवन करें।
प्राकर्तिक भाग 2
1. जिन्हें कब्ज की शिकायत रहती हो, उन्हें भोजन के साथ घूंट-घूंट पानी पीते रहना चाहिए, और साथ ही रोजाना सुबह उठने के तुरंत बाद ही 2 ग्लास पानी पीना चाहिए ऐसा करने से शरीर में पानी की कमी नहीं रहती जिससे कब्ज में लाभ होता हैं
2. शरीर में तरलता बढ़ती हैं इसके साथ ही सुबह पानी पिने के और भी कई ढेरों लाभ होते हैं
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