पथरी के परिचय

                                पथरी के परिचय 

 इससे पहले की हम पथरी दूर कैसे करे इसके बारे में जाने चलिए पथरी के लक्षण और कारण के बारे में पढ़ते हैं.

 

गुर्दे व पेट में पथरी कैसे होती है –

 

पेट में गुर्दे की पथरी कैसे बनती है इसकी शुरुआत कैसे होती है ? पथरी होने के पीछे खास कारण पाचन तंत्र की विकृति होती है. हम रोजाना जो भोजन करते है उसमे से कुछ पदार्थ को पाचन तंत्र नहीं पचा पाता और फिर यही पदार्थ मूत्र द्वार (पेशाब करने के जगह) पर इकट्ठे होते जाते हैं जिससे पेशाब गाढ़ी (गट्ठी ) होने लगती है.

 

इसी क्रिया के चलते धीरे-धीरे इन पदार्थों की मात्रा बढ़ती जाती है और फिर यह गुर्दे पथरी (बारीक पत्थर, रेत) का रूप ले लेती हैं. पथरी पेट में मौजूद इन Chemicals के कारण भी होती है Uric acid, Phosphorous, Calcium and oxalic acid.

 

इस तरह जब यह पदार्थ कण में बदल जाते है तो पेट में दर्द, पेशाब करने में परेशानी आना आदि गुर्दे की पथरी के लक्षण दिखाई देना शुरू हो जाते हैं.

 पथरी में छोटे कण दर्द नहीं देते और वह पेशाब के जरिये बाहर निकल जाते है. लेकिन अगर किसी वजह से यह कण पेशाब के जरिये बाहर नहीं निकलते तो यह कण बढ़ा रूप ले लेते हैं. और फिर आपको बड़ा असहनीय दर्द होने लगता हैं.



1. पथरी रोग मूत्र संस्थान से सम्बंधित रोग होता है।


2. पेशाब के साथ निकलने वाले क्षारीय तत्व जब शरीर में किसी कमी के कारण पेशाब की नली, गुर्दे या मूत्राशय में रुक जाते हैं तो हवा के कारण यह छोटे-छोटे पत्थर आदि का रूप ले लेते हैं।


3. पथरी छोटे-छोटे रेत के कणों से बढ़कर धीरे-धीरे बड़ी होती जाती है।


4. यह खुरदरी, चिकनी, सख्त, गोल आदि आकारों में पाई जाती है।


5. पथरी का कारण किडनी में कुछ खास तरह के साल्ट्स का जमा होना है।


6. पहले स्टोन का छोटा हिस्सा बनता है, जिसके चारों ओर सॉल्ट जमा होता रहता है।


7. पुरुषों में महिलाओं की तुलना में पथरी होने की आशंका अधिक होती है।


8. जेनेटिक कारण, हाइपरटेंशन, मोटापा, मधुमेह और आंतों से जुड़ी कोई अन्य समस्या होना भी पथरी की वजह बन सकता है।8. गुर्दे की पथरी (Gurde ki Pathr​i) की समस्या तब पैदा होती है जब गुर्दे (Kidney) के अंदर छोटे-छोटे पत्थर बन जाते है।


9. ये आमतौर पर मध्य आयु यानि चालीस साल या उसके बाद पता लगने शुरू होते है। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है। गुर्दे की पथरी कम आयु वाले बच्चों और युवाओं में भी देखने को मिलती है।


10. मूत्र में पाये जाने वाले रासायनिक तत्वों से मूत्र के अंगों में पथरी बनती है। इन तत्वों में यूरिक एसिड, फास्फोरस कैल्शियम और ओ़क्जेलिक एसिड शामिल हैं। लगभग 90 प्रतिशत पथरी का निर्माण कैल्शियम ओक्जेलेट (Calcium Oxalate) से होता है।


11. गुर्दे में एक समय में एक या अधिक पथरी हो सकती है। सामान्यत: ये पथरियाँ बिना किसी तकलीफ के मूत्रमार्ग से शरीर से बाहर निकल जाती हैं। हालांकि, यदि ये पर्याप्त रूप से बड़ी हो जाएं, 2-3 मिमी, तो ये मूत्रवाहिनी में अवरोध उत्पन्न कर सकती हैं। इस स्थिति में मूत्रांगो के आस-पास असहनीय पीड़ा होती है।


12. गुर्दे की पथरी (Kidney Stone) का दर्द आमतौर पर काफी तेज होता है। पथरी जब अपने स्थान से नीचे की तरफ़ खिसकती है तब यह दर्द पैदा होता है। पथरी गुर्दे से खिसक कर युरेटर और फिर यूरिन ब्लैडर में आती है।

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